


झारखंड सरकार के दो मंत्रियों के हालिया बयानों ने राज्य प्रशासन को असहज स्थिति में ला खड़ा किया है। पहलगाम आतंकी हमले पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी द्वारा हमलावर को ‘शहीद’ किए जाने की बात कहे जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। वहीं, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने शरीयत को भारतीय संविधान से ऊपर बताकर विवाद को और बढ़ा दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मुस्लिम समाज के साथ अन्याय हुआ, तो गंभीर परिणाम होंगे। इन बयानों से आक्रोशित भाजपा ने तीव्र विरोध जताते हुए सरकार की नीयत पर प्रश्नचिह्न खड़े किए हैं। इसके अतिरिक्त, मंत्री हफीजुल हसन की पीएचडी डिग्री की वैधता पर भी सवाल उठे हैं। भाजपा प्रवक्ता अजय शाह का कहना है कि जिस संस्थान से मंत्री ने डिग्री प्राप्त करने का दावा किया है, वह कोई आधिकारिक मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्था नहीं है। ‘भारत वर्चुअल ओपन एजुकेशन यूनिवर्सिटी’ नामक संस्था को न तो यूजीसी, न केंद्र सरकार, और न ही राज्य सरकार ने स्वीकृति दी है। जांच में यह भी सामने आया कि संस्था की विदेशी संबद्धता का दावा भी निराधार है और इससे जुड़े लोग संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त हैं।