मूर्ति विसर्जन के लिए सुवर्णरेखा नदी किनारे बनेंगे कुंड, सुवर्णरेखा नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने अनूठी पहल की है. पढ़े पूरी खबर

मूर्ति विसर्जन के लिए सुवर्णरेखा नदी किनारे बनेंगे कुंड, सुवर्णरेखा नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने अनूठी पहल की है. पढ़े पूरी खबर

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सुवर्णरेखा नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने अनूठी पहल की है. सुवर्णरेखा नदी के किनारे विशाल कृत्रिम विसर्जन कुंड में तैयार किया जा रहा है. जमशेदपुर अक्षेस के उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार ने कहा कि सुवर्णरेखा नदी को को प्रदूषित होने से बचाने के लिए जमशेदपुर अक्षेस की ओर से कृत्रिम कुंड बनाया जा रहा है. मूर्ति विसर्जन स्थल तक आने-जाने के लिए अस्थाई रास्ता और विद्युत साज-सज्जा की व्यवस्था रहेगी. उन्होंने शहर की सभी पूजा समितियों और शहरवासियों से आग्रह किया है कि वे घर और पंडालों में स्थापित किये गये प्रतिमाओं का विसर्जन नदी के पास बनाये गये कृत्रिम कुंड में करें. यह कुंड नदी में मूर्तियों के विसर्जन से होने वाले प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से बनाया जायेगा.
424 जगहों पर होता है दुर्गा पूजा
साल 2023 में जमशेदपुर में 424 जगहों पर दुर्गा पूजा हुई थी. इनमें 324 पूजा पंडाल लाइसेंसी और 100 गैर लाइसेंसी थे. इसके अलावा शहर के मंदिरों और लोग अपने घरों में भी मां दुर्गा की पूजा करते हैं. पूजा के उपरांत विसर्जन सामग्री नदी तट, तालाबों में करते है. आमतौर पर प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद नदियों का प्रदूषण स्तर काफी बढ़ जाता है. अभी और सचेत होने की जरूरत है.

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