
ओड़िया सामाजिक संगठन उत्कल सम्मेलनि ने उत्कलमणी पं गोप बंधु दास की जयंती मनायी गयी, राजमहल के सामने स्थित पं गीप बंधु दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उत्कल सम्मेलनों जिला पदाधिकारी एवं शिक्षक शिक्षिका में गोप बंधु दास के बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया तथा उनके दर्शन को आत्मसात करने पर बल दिया। श्रद्धांजलि अर्पित करने बालों में मुख्य रूप से उत्कल सम्मेलनों जिला अध्यक्ष सुमंत चंद्र मोहंती, जिला प्ररिदशक सुशील सारंगी, भारत चंद्र मिश्रा, रंजीत मंडल, रेणु महारणा, चंद्रभानु प्रधान, संजीव प्रधान सविता विषय, कुंती मंडल, कनित दि, शिवचरण महतो, सपन मंडल, वंदना दास, एवं ओड़िआ छात्र-छात्राओं शामिल थे। मौके पर सुमंत चंद्र मोहंती ने पं गीप बंधु दास की महान स्वतंत्रता सेनानी व कवि बताया, उन्होंने कहा कि पं गीप बंधु दास जी के लेखनी में राष्ट्रीयता व राष्ट्रीय प्रेम झलकता है उन्होंने कहा कि पं गीप बंधु दास द्वारा भाषा साहित्य व संस्कृति के उत्थान के लिए किये गये कार्य को लंबे समय तक याद किया जाता रहेगा। जिला प्ररिदशक सुशील सारंगी ने कहा कि पं गीप बंधु दास ने समाज सेवा व ओड़िया भाषा के उत्थान के लिए उत्कृष्ट कार्य किये थे, पं गीप बंधु दास द्वारा सिंहभूम मैं एक सौ से अधिक ओड़िया स्कूल की स्थापना किए थे। उन्होंने कहा कि पं गीप बंधु दास राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बेहद करीबी थे।