पश्चिम बंगाल से झारखंड में आलू आने पर रोक से राज्य के सीमावर्ती गांवों के लोगों आक्रोशित हैं. शुक्रवार सुबह उनका सब्र टूट गया. पूर्वी सिंहभूम के गालूडीह से बंदवान (पश्चिम बंगाल) जाने वाले स्टेट हाइवे पर बाघुड़िया पंचायत के डुमकाकोचा गांव में एक दर्जन से अधिक गांव के लोग शुक्रवार सुबह 6 बजे एकत्रित हुए और बंगाल से झारखंड आने वाले सब्जी वाहनों को रोक दिया. झारखंड के सीमावर्ती गांव डुमकाकोचा, नरसिंहपुर, गुड़ाझोर, केशरपुर समेत आधे दर्जन गांवों के किसान और ग्रामीणों ने डुमकाकोचा घाटी में जाम कर दिया. इससे बंगाल से सुबह-सुबह आ रहे दर्जनों सब्जी लदे वाहन जाम में फंस गये. यह देखकर पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती गांवों के ग्रामीण और किसानों ने भी नाराज होकर कुछ देर बाद पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती गांव लतापोड़ा, पुनसा, मधुबन, कुमीरडीह, कोड़पा, जुगीडीह, माकोपाली, बूढ़ीगोड़ा, भोमरागोड़ा आदि गांव के ग्रामीणों ने भी झारखंड से बंगाल में प्रवेश होने वाले वाहनों पर रोक लगा दी और द्वारसीनी में सड़क जाम कर दिया. दोनों राज्यों के दोनों तरफ सीमावर्ती गांव में जाम से गालूडीह से पश्चिम बंगाल के बांदवान जाने वाले स्टेट हाईवे पूरी तरह जाम हो गया. इससे दोनों राज्यों के बीच आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया. सुबह छह से 11 बजे तक पांच घंटे जाम रहा. आलू पर रोक पर खूब हंगामा हुआ. जितनी मुंह उतनी बातें सामने आ रही थी. सरकारी फैसले का असर आज सीधे तौर पर सीमावर्ती गांवों के किसानों और ग्रामीणों में दिखा. सीमा पर जाम की सूचना पर गालूडीह थाना प्रभारी कुमार इंद्रेश पुलिस बल के साथ बॉर्डर पर पहले पहुंचे. फिर पश्चिम बंगाल के बांदवान थाना प्रभारी मोंताज शेख भी पहुंचे और दोनों ने अपने अपने सीमा पर जाम स्थल पर डटे गुस्साए लोगों समझा कर शांत कराया. दोपहर 11 बजे के बाद जाम हटाया. पुलिस ने दोनों पक्षों से वार्ता भी की. वार्ता में बंगाल के लोगों ने कहा कि झारखंड के लोग झोला में आलू ले जा सकते हैं. अभी खेती का समय है तो एक-दो बोरा आलू बीज भी ले जाने देंगे. इससे अधिक नहीं. वाहन में आलू ले जाने नहीं देंगे. बंगाल का सब्जी झारखंड जाने दें. अन्यथा हम लोग भी झारखंड के लोगों को बंगाल में घुसने नहीं देंगे, वहीं झारखंड के लोगों ने कहा कि बाइक, साइकिल से आलू लाने दिया जाय. जिस पर बंगाल के लोग राजी हुए और 5 घंटे बाद मामला शांत हुआ. तब जाकर जाम हटा.
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