नीमडीह और चांडिल में अवैध शराब के खिलाफ उभरा जनाक्रोश, नशा मुक्त समाज की मांग तेज

नीमडीह और चांडिल में अवैध शराब के खिलाफ उभरा जनाक्रोश, नशा मुक्त समाज की मांग तेज

Spread the love

नीमडीह : झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में अवैध महुआ शराब का कारोबार और नशे का बढ़ता जाल अब गंभीर सामाजिक और पर्यावरणीय समस्या बनता जा रहा है। नीमडीह थाना क्षेत्र के मुरु, तिलाईटर, लाकड़ी, और बनडीह जैसे गांवों में बड़े पैमाने पर महुआ शराब का उत्पादन हो रहा है। सस्ती शराब की यह खेप नीमडीह, चांडिल, तिरुलडीह से होते हुए पश्चिम बंगाल तक पहुंचाई जा रही है। मजदूर वर्ग और युवा इसकी आसान उपलब्धता के कारण तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस नशे की लत के चलते युवाओं की सेहत और भविष्य बर्बाद हो रहा है। स्थानीय बुद्धिजीवियों का कहना है कि यह धीमा जहर युवा पीढ़ी को अंधकार में धकेल रहा है। परिवारों में कलह और तनाव बढ़ रहा है, और कई लोग स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अकाल मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। महुआ शराब की चुलाई से बचे अवशेष को खुले में फेंकने से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। इन अवशेषों की दुर्गंध हाथियों को आकर्षित करती है, जिससे जान-माल के नुकसान की घटनाएं बढ़ रही हैं। ग्रामीणों और बुद्धिजीवियों ने प्रशासन से अवैध शराब कारोबार पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनकी अपील है कि दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं और युवाओं को नशे से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं। वहीं झारखंड नव निर्माण समिति के चांडिल अनुमंडल अध्यक्ष आवधेश मुरमु ने चांडिल गोलचक्कर स्थित एक होटल में प्रेस वार्ता आयोजित कर नशे के बढ़ते कारोबार पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नशा के कारण न केवल कई परिवार बर्बाद हो रहे हैं, बल्कि बच्चों और युवाओं पर इसका गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यह सामाजिक वातावरण को खराब कर रहा है। आवधेश मुर्मू ने घोषणा की कि जब तक समाज को नशा मुक्त नहीं किया जाता, तब तक गाँव-गाँव में जनजागरण अभियान जारी रहेगा। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से इस अभियान में जुड़ने की अपील की। गौरतलब है कि क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार पर प्रशासन का कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस का डर बिल्कुल नहीं है। शराब तस्करी दिन-रात खुलेआम हो रही है, और गांवों के बाहरी इलाकों में अस्थायी टेंट लगाकर इसे बड़ी मात्रा में तैयार किया जा रहा है। ग्रामीणों और स्थानीय संगठनों ने प्रशासन से इस गंभीर समस्या पर तुरंत ध्यान देने की मांग की है। लोगों का कहना है कि न केवल नशे के जाल को समाप्त करना जरूरी है, बल्कि पर्यावरण और सामाजिक ढांचे को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *