सिंहभूम चैम्बर ने टाटा संस के मानद चेयरमैन श्री रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि रतन टाटा के निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है। जिसकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता। देश ने एक महान व्यक्तित्व के स्वामी को खो दिया है। रतन टाटा देशभक्त उद्योगपति के साथ-साथ एक समाजसेवी भी रहे। वे समाज के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारी को एक उद्योगपति के रूप में बखूबी निभाते रहे। देश में बढ़ते हुये कैंसर की बीमारी को देखते हुये उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में कैंसर अस्पताल खोलने का निर्णय लिया। कोरोना काल में मानवता के प्रति उनके द्वारा किये गये सहायता और योगदान को देश हमेशा याद रखेगा। जमशेदपुर के प्रति उनकी एक अलग परिकल्पना थी। अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि वे एक दूरदर्शी व्यक्तित्व के स्वामी भी थे जिन्होंने टाटा घराने को एक नई ऊँचाईयों पर पहुंचाया। यह उनकी दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज टाटा घराने का व्यवसाय 120 देशों में सफलतापूर्वक स्थापित है।
मानद महासचिव मानव केडिया ने कहा कि रतन टाटा एक सहज और सह्रदय व्यक्ति थे। जमशेदपुर से उनका गहरा लगाव था। टाटा संस की कमान उनके हाथों मंे आने के बाद कई बार उन्होंने जमशेदपुर का दौरा किया। सिंहभूम चैम्बर के प्रति भी उनकी निष्ठा थी। अपने जमशेदपुर आगमन पर उन्होंने 3 मार्च, 2012 को जब राजकुमार अग्रवाल चैम्बर अध्यक्ष एवं विजय आनंद मूनका मानद महासचिव थे तब चैम्बर पधारकर लगभग डेढ़ से दो घंटे का समय बिताया। इस दौरान उन्होंने चैम्बर सदस्यों को संबोधित भी किया और एक सफल उद्यमी बनने के गुर बताये।
उपाध्यक्ष पुनीत कांवटिया ने कहा कि देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को भूलाया नहीं जा सकता। जमशेदपुर के लोगों के दिलों में ही नहीं वरन देश के लोगों के दिलों में भी वे सदैव बसते रहेंगे।
टाटा स्टील के द्वारा सेंटर फॉर एक्सीलेंस में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया, कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया, सचिव बिनोद शर्मा एवं सुरेश शर्मा लिपु ने शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर सिंहभूम चैम्बर के अन्य सभी पदाधिकारियों उपाध्यक्ष अनिल मोदी, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव भरत मकानी, अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया ने भी श्री रतन टाटा के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।