बहरागोड़ा में स्वर्णरेखा नदी से बालू की अवैध लूट, प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

बहरागोड़ा में स्वर्णरेखा नदी से बालू की अवैध लूट, प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

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Illegal sand theft : स्वर्णरेखा नदी के घाटों पर अवैध बालू खनन का खेल बदस्तूर जारी है। बहरागोड़ा, बड़शोल, श्यामसुंदरपुर और गुड़ाबांदा थाना क्षेत्रों में दिन-रात ट्रैक्टरों और बड़े वाहनों के जरिए नदी के कलेजे को रौंदा जा रहा है। बालू माफिया खुलेआम लूटपाट कर रहे हैं, जिससे सरकार को हर दिन करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं, खनन विभाग और जिला प्रशासन की चुप्पी ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दिन-रात जारी है बालू लूट का खेल

बहरागोड़ा थाना क्षेत्र के डोमजुड़ी, वरनीपाल, महुलडांगरी, श्यामसुंदरपुर के बालीजुड़ी, चंदनपुर, खड़गबेड़ा और गुड़ाबांदा क्षेत्र के केंदुआपाल, पुनसिया जैसे घाटों पर अवैध बालू उत्खनन हो रहा है। सुबह से देर रात तक ट्रैक्टरों की कतारें नदी में बालू लोड करने में जुटी रहती हैं। रात में बड़े ट्रक और हाइवा इन घाटों से बालू को पश्चिम बंगाल और जमशेदपुर तक पहुंचाते हैं।

सैकड़ों हाइवा से हो रहा अवैध भंडारण

सूत्रों के अनुसार, नदी के किनारे और आसपास सैकड़ों हाइवा में अवैध रूप से बालू का भंडारण किया गया है। ये वाहन हाइवे पर मौत बनकर दौड़ते हैं, जिससे स्थानीय लोगों की जान को खतरा है। प्रशासन द्वारा यदा-कदा छापेमारी कर खानापूर्ति तो की जाती है, लेकिन अवैध खनन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

सरकार को राजस्व का भारी नुकसान

स्वर्णरेखा के घाटों से रोजाना करीब डेढ़ करोड़ रुपये का बालू अवैध रूप से निकाला जा रहा है। इस बालू की बिक्री से माफिया मालामाल हो रहे हैं, जबकि सरकार को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

प्रशासन की निष्क्रियता पर उठ रहे सवाल

खनन विभाग और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। प्रशासन की चुप्पी से माफियाओं का हौसला बढ़ा हुआ है। इस स्थिति में अवैध बालू खनन पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है।

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