भुवनेश्वर, 10 अक्टूबर 2024: भारत के सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक, पद्म विभूषण रतन एन. टाटा के सम्मान में, टाटा स्टील के फेरो अलॉयज और मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) ने गुरुवार को एक भावभीनी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। रतन टाटा, जिनका 9 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया, यह सभा उनके योगदानों और अद्वितीय विरासत के सम्मान में आयोजित की गई थी।
इस श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन टाटा स्टील के फेरो अलॉयज और मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) के ओडिशा और पश्चिम बंगाल स्थित सभी परिचालन स्थानों पर किया गया। भुवनेश्वर स्थित एफएएमडी के मुख्यालय में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में, पंकज सतीजा (एग्जीक्यूटिव इंचार्ज, एफएएमडी), प्रणव कुमार झा (चीफ फाइनेंसियल कंट्रोलर), बी डी नंदा (चीफ ऑपरेशन्स (फेरो अलॉयज प्लांट जाजपुर, फेरो अलॉयज प्लांट गोपालपुर, फेरो अलॉयज प्लांट अथागढ़ और स्टेनलेस स्टील प्लांट बिष्णुपुर), अमित चौबे (चीफ लॉजिस्टिक्स ऑफिसर) और एफएएमडी के अन्य अधिकारियों ने रतन एन. टाटा को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसी तरह की श्रद्धांजलि सभाएं डिवीजन के अन्य सभी स्थानों पर भी आयोजित की गईं, जहां संबंधित हेड, कर्मचारियों और श्रमिकों ने रतन टाटा के राष्ट्र के प्रति उनके महान योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
रतन टाटा, जो टाटा सन्स के चेयरमैन एमेरिटस के रूप में पहचाने जाते थे, केवल एक दूरदर्शी उद्योगपति ही नहीं, बल्कि एक महान परोपकारी भी थे, जिनकी सोच और कार्यों का प्रभाव कॉर्पोरेट जगत से बहुत आगे तक महसूस किया गया। उनके कुशल नेतृत्व में टाटा समूह ने स्टील, ऑटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में जबरदस्त विस्तार किया, जिससे भारत के औद्योगिक विकास को एक नई दिशा मिली।
रतन टाटा नैतिक व्यावसायिक अभ्यासों, नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध थे। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उनकी पहलों ने देशभर में अनगिनत जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला। टाटा ट्रस्ट्स की स्थापना, जो स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है, उनके राष्ट्र-निर्माण के प्रति समर्पण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
एफएएमडी आगे की ओर बढ़ते हुए, नैतिक आचरण, सामुदायिक विकास और सतत विकास को प्राथमिकता देकर रतन टाटा की दूरदर्शिता का सम्मान करने के प्रति दृढ़ संकल्पित है।