पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी की ‘पुनर्निर्माण संकल्प यात्रा’ आज बरागड़िया और बाहुलिया पंचायतों में पहुंची। इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं खुलकर साझा की, जिनमें पानी की आपूर्ति, सड़क की खराब स्थिति, और सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने जैसी चिंताएं शामिल थीं।
ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में विकास कार्य काफी धीमी गति से हो रहे हैं, और कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं अभी तक अधूरी पड़ी हैं। उन्होंने स्थानीय विधायक पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है, जिससे जनता में निराशा और असंतोष बढ़ता जा रहा है।
एक अन्य समस्या ग्रामीणों ने कुणाल षड़ंगी के सामने यह रखी कि बरागड़िया पंचायत के हरि मंडप के पास कई दिनों से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है, जिससे बिजली की आपूर्ति बाधित है। इस पर कुणाल षड़ंगी ने तुरंत एसडीओ से बात की और जल्द से जल्द नया ट्रांसफार्मर लगाने का आश्वासन दिया।
इसके साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सेवक ग्रामीणों को कोई भी जानकारी नहीं देते हैं, जिससे योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। इस पर कुणाल षड़ंगी ने तुरंत ब्लॉक विकास पदाधिकारी से संपर्क कर इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की।
कुणाल षड़ंगी ने कहा, “हमारा उद्देश्य इस क्षेत्र के हर गांव तक विकास की रफ्तार को तेज़ करना है। जिन समस्याओं का सामना आप लंबे समय से कर रहे हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाएगा। पानी, सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं हर नागरिक का अधिकार हैं, और मैं इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
उन्होंने यह भी कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि यदि हमें एक बार फिर सेवा करने का मौका मिलता है, तो हम बहरागोड़ा को एक विकसित और आत्मनिर्भर विधानसभा के रूप में स्थापित करेंगे। मेरा उद्देश्य है कि यहां के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर न जाना पड़े और ग्रामीणों को उनकी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष न करना पड़े।”
इस यात्रा के दौरान तपन ओझा, चंदन पातर, कृष्णा रंजन साहू, निमय चंद पैरा, धानु मंडी, रविंद्र दास, अशोक मुंडा, कमल मुंडा, देवी प्रकाश घोष, समीर पैरा, रामदास मुर्मू, रंजीत कमिला, फनी बाबुली, अनंत बाबुली, राजू बेसरा, राधा, दिनेश घोष, आशीष नायक, सामु लेंका, स्वप्न श्यामल, स्वप्न सतपथी, श्रीकांत राणा, सुभल भुइयां, संतानु बारिक, बिमलमुंडा लेंका, बिजू बारिक, प्रियलाल लेंका, अलक नायक, भावानंद गिरी, पुरंदर नायक, आशीष बारिक, पिंटू पैरा, मिहिर भुइयां, अशोक भालू, समरजीत घोष, सुभाष श्यामल, बरुण शॉ समेत कई ग्रामीण, महिलाएं, और बुजुर्ग शामिल थे।