भारत सरकार द्वारा जुलाई 2024 में नए तीन कानून को संशोधन करके भारतीय न्याय संहिता ,भारतीय साक्ष्य अधिनियम एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू किए गए,जो आज के समय मे पूरे देश मे लागू है,फिर भी प्रतियोगिता परीक्षा में विद्यार्थियों से सवाल पुराने लॉ के मुताबिक ही पूछे जा रहे है,यहाँ तक कि झारखंड ज्यूडिशरी प्री में भी पुराने लॉ से ही प्रश्न पूछे गए लेकिन अब ऑल इंडिया बार परीक्षा 2024 का सिलेबस 20 सितंबर को प्रकाशित हुआ जिसमें पुराने तीनो लॉ के साथ साथ नए तीनो लॉ को भी ऐड कर दिया गया है,अब ऐसे विद्यार्थी जो कि पुराने लॉ से 2023 औऱ 2024 में पास हुए हैं उनके लिए दोनों विधि पढ़कर परीक्षा देना दुबिधा बना हुआ है,जबकि जो बिधि अभी हाल में लागू हुए है और अभी तक किसी बिधि विद्यालयों के सिलेबस में इसे ऐड नही किया गया है तो आखिर में बार परीक्षा में क्यों ऐड कर दिया गया है, पिछले आकड़ो के अनुसार 48.36 अभ्यार्थी ही एआईबीई 18 की परीक्षा पास किए, अब इस नए सिलेबस में नए तीनो संसोधित कानून और पुराने तीनो कानून को ऐड कर दिया गया है,जबकि ये बिल्कुल उचित नही था, जिसकी पढ़ाई नही उसकी परीक्षा कैसे कोई ले सकता है,जिसको लेकर नए अधिवक्ताओं में आक्रोश है,जमशेदपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अमर तिवारी ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री मनन मिश्रा जी को पत्र भेजा है औऱ उनसे सिलेबस में नए कानून को हटाने की मांग की है।
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