दलमा और उसके आसपास के इलाके जो इको सेंसिटिव ज़ोन में आते है उनका दायरा अब और विस्तृत होने जा रहा है। जैसे जैसे सर्वे होते जा रहे हैं वैसे वैसे इसके क्षेत्र में नए नए इलाके आते जा रहे हैं। इसके दायरे में आने वाले मकानों की सूची में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्तमान में इसके दायरे में आने वाले भवन और निर्माणों की संख्या 250 से बढ़कर 624 हो गई है जिसको चिन्हित कर या तो नोटिस जारी कर दी गई है या फिर नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है। जिसको लेकर वहाँ रह रहे लोगो मे हड़कम्प मच गया है।
निर्माणों की हो रही है जांच
अब तक कुल 250 मकानों और निर्माणों को नोटिस जारी कर उनसे इस बात की जानकारी ली जा रही है कि वहाँ पर किस तरह की गतिविधियां चल रही है। यदि कोई व्यवसाय है तो वह किस तरह का है। कही वहाँ इंडस्ट्रीयल कार्य तो नही संचालित हो रही है। इसके अलावा सभी निर्माणों और जमीनों के कागजात की भी मांग की गई है। इन कागजातों का क्रॉस वेरिफिकेशन होगा उसके बाद ही किसी भी प्रकार का एनओसी उन्हें दी जाएगी।
डीएफओ ने जारी किया नोटिस
दलमा और जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम ने अपने स्तर से सभी को नोटिस जारी की है और उनसे जबाब तलब किया है। 2012 के बाद से बने सभी निर्माणों की जांच की जा रही है। हालांकि 2012 से पहले के निर्माणों को राहत मिल सकती है लेकिन इसकी कोई भी आधिकारिक पुष्टि नही की गई है। डीएफओ ने कहा कि कागजात की जांच के बाद ही कोई कार्यवाही की जाएगी।
कई होटल और बड़े भवनों पर भी गिर सकती है गाज
इस अधिनियम के तहत कई मकानमालिकों और व्यवसाइयों को नोटिस जारी की गई है। जो क्षेत्र इनसे प्रभावित है उनमें डिमना, बालीगुमा, कांदरबेड़ा, मिर्जाडीह और पारडीह के इलाके है। इनमें से ज्यादातर आसनबनी और शहरबेड़ा इलाके के निर्माण इसमें शामिल हैं. इसके अलावा मानगो डिमना के आसपास के लोग भी इससे प्रभावित हुए है।
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत जारी की गई है नोटिस
डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि जो भी लोग इको सेंसिटिव ज़ोन के दायरे में है उन्हें पर्यवरण संरक्षण अधिनियम के तहत नोटिस जारी की गई है। नोटिस में साफ लिखा है कि नोटिस प्राप्तकर्ता को अगस्त के दूसरे हफ्ते में वन विभाग के कार्यालय में आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है यदि किसी कारणों से वे नही आ पाए तो उनके प्रतिनिधि को आना होगा। दोनो की अनुपस्थिति में फिर नोटिस प्राप्तकर्ता पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी