झारखण्ड सरकार द्वारा झारखण्ड में कृषि उत्पादन बाजार समिति पर मंडी टैक्स लगाने की सुगबुगाहट शुरू होते ही सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आंदोलन की घोषणा एवं पूरे प्रदेश में विरोध के स्वर से झारखण्ड सरकार ने आज रांची के कृषि निदेशालय में प्रदेश के व्यापारिक संगठनों एवं कृषकों की एक बैठक आहूत की थी। जमशेदपुर से सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष (टेªड एंड कॉमर्स) अनिल मोदी एवं व्यापार मंडल के अध्यक्ष दीपक भालोटिया, उपाध्यक्ष पवन नरेडी एवं अन्य व्यापारियों ने बैठक में शिरकत की। बैठक में अनिल मोदी ने विस्तारपूर्वक बिंदुवार अपनी बातों को रखा और बताया कि यदि मंडी शुल्क लगाया जाता है तो व्यापारियों का व्यापारिक अस्तित्व संकट में आ जायेगा।
उन्होंने निम्नलिखित बिन्दुओं पर माननीय मंत्री का ध्यानाकृष्ट कराया एवं इसके निदान की मांग की-
1) बाजार समिति में वर्षों से व्यापार कर रहे व्यापारियों की सोसायटी बनाकर बाजार समिति के रख-रखाव एवं विकास की जिम्मेदारी उन्हें दे दी जाय।
2) बाजार समिति द्वारा व्यापारियों को आवंटित दुकानों को व्यापारियों के खर्च पर दोमंजिला बनाकर कार्यालय/गोदाम बनाने एवं उन्हें उपयोग करने की मंजूरी दी जानी चाहिए।
3) देश के अन्य राज्यों की तरह हमारे राज्य में भी वर्षों से व्यापाररत व्यापारियों को बाजार समिति में बनी दुकानें लीज पर दे दी जाय।
4) परसुडीह बाजार समिति में अभी जो दुकानें बनी हुई है वह पूरी तरह गोदाम की शक्ल में दिखाई देती है और व्यापारी इसे गोदाम के रूप मंे ही इस्तेमाल कर रहे हैं। आपसे आग्रह होगा कि इसे एक बड़े बाजार का स्वरूप देते हुये आकर्षक रूप में इसमें अवस्थित दुकानों को विकसित किया जाय।
5) बाजार समिति में एक कोल्ड स्टोरेज की स्थापना पीपीपी मोड में की जाय ताकि जल्द खराब होने वाली वस्तुओं का भंडारण इसमें किया जा सके।
6) बाजार समिति में अतिशीघ्र व्यवस्थित शौचालय, यूरिनल का निर्माण, सड़कों की मरम्मत, पीने के पानी की व्यवस्था एवं चाक-चौबंद सुरक्षा हेतु सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें।
उन्होंने परसुडीह बाजार समिति की समस्याओं को भी मंत्री के सामने रखा और उनसे आग्रह किया कि वे स्वयं बाजार समिति का दौरा करें और बाजार समिति की समस्याओं को समझे। उन्होंने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि सरकार प्रदेश में कोई शुल्क लगाने नहीं जा रही है। सरकार की मंशा व्यापारियों के साथ किसानों के विकास की है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे स्वयं बाजार समितियों का दौरा करेंगी और उनकी समस्याओं को समझेंगी।