
Shardiy Navratri 2024: नवदुर्गा पूजा उत्सव गुरुवार 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त 47 मिनट का है। आइये जानते हैं किस योग में घर पर मां का आगमन होगा और कलश स्थापना का मुहूर्त क्या है (best time ghat sthapana) ….
शारदीय नवरात्रि 2024 कलश स्थापना मुहूर्त
Shardiy Navratri 2024: हर साल अश्विन शुक्ल पक्ष की पहली तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। इसके बाद नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री की भक्त पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। संयोग से इस साल नवरात्रि दस दिन की है। मान्यता है कि इससे भक्त को आदिशक्ति जगदंबा की कृपा मिलती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि का उपवास रखने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। उसे मनोवांछित फल मिलते हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि जिस दिन मां की पूजा के लिए कलश स्थापना की जाती है। माना जाता है कि उस दिन माता दुर्गा अपनी सवारी से पृथ्वी पर आती हैं और अपनी दिव्य शक्ति से हर घर में विराजमान होकर भक्त की पूजा स्वीकारती हैं। इस साल माता पालकी से धरती पर आ रही हैं।
दस दिन की नवरात्रि (Shardiy Navratri 2024)
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना पर 3 दुर्लभ और शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल मिलता है। साथ ही इस बार 9 की बजाय 10 दिन की शारदीय नवरात्रि होगी क्योंकि नवरात्रि की एक तिथि में वृद्धि होने के कारण शारदीय नवरात्रि 3 से 12 अक्टूबर तक होगी।
बन रहे ये शुभ योग (Shardiy Navratri 2024 Rare yog )
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के दिन दुर्लभ इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दिन भर है। इस योग का समापन 04 अक्टूबर को सुबह 04:24 मिनट पर होगा। इसके साथ ही आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर हस्त नक्षत्र का संयोग दोपहर 03:22 बजे तक है। इसके बाद चित्रा नक्षत्र का संयोग बनेगा
Shardiy Navratri 2024: 3 दुर्लभ योग में होगा माता का आगमन, संपूर्ण फल के लिए इस बेस्ट मुहूर्त में करें कलश स्थापना
Shardiy Navratri 2024: नवदुर्गा पूजा उत्सव गुरुवार 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त 47 मिनट का है। आइये जानते हैं किस योग में घर पर मां का आगमन होगा और कलश स्थापना का मुहूर्त क्या है (best time ghat sthapana) ….
शारदीय नवरात्रि 2024 कलश स्थापना मुहूर्त
Shardiy Navratri 2024: हर साल अश्विन शुक्ल पक्ष की पहली तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। इसके बाद नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री की भक्त पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। संयोग से इस साल नवरात्रि दस दिन की है। मान्यता है कि इससे भक्त को आदिशक्ति जगदंबा की कृपा मिलती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि का उपवास रखने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। उसे मनोवांछित फल मिलते हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि जिस दिन मां की पूजा के लिए कलश स्थापना की जाती है। माना जाता है कि उस दिन माता दुर्गा अपनी सवारी से पृथ्वी पर आती हैं और अपनी दिव्य शक्ति से हर घर में विराजमान होकर भक्त की पूजा स्वीकारती हैं। इस साल माता पालकी से धरती पर आ रही हैं।
दस दिन की नवरात्रि (Shardiy Navratri 2024)
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना पर 3 दुर्लभ और शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल मिलता है। साथ ही इस बार 9 की बजाय 10 दिन की शारदीय नवरात्रि होगी क्योंकि नवरात्रि की एक तिथि में वृद्धि होने के कारण शारदीय नवरात्रि 3 से 12 अक्टूबर तक होगी।
बन रहे ये शुभ योग (Shardiy Navratri 2024 Rare yog )
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के दिन दुर्लभ इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दिन भर है। इस योग का समापन 04 अक्टूबर को सुबह 04:24 मिनट पर होगा। इसके साथ ही आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर हस्त नक्षत्र का संयोग दोपहर 03:22 बजे तक है। इसके बाद चित्रा नक्षत्र का संयोग बनेगा।
सबसे खास बात यह है कि नवमी की पूजा और विजयादशमी का पर्व भी एक ही दिन मनाया जाएगा। इस बार शारदीय नवरात्रि पर्व 9 दिन की बजाय 10 दिन के रहेंगे क्योंकि एक नवरात्रि की वृद्धि हो रही है जिसे श्रेष्ठ माना गया है। इस बार तृतीया तिथि की वृद्धि हुई है इस बार 5 और 6 अक्टूबर को तृतीया तिथि रहेगी। इस कारण शारदीय नवरात्रि का समापन 12 अक्टूबर को होगा और इसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा।
इसलिए दो दिन तृतीया पूजा
ज्योतिषाचार्य व्यास के अनुसार तृतीया तिथि 5 अक्टूबर को सुबह 5:31 बजे से शुरू होकर अगले दिन 6 अक्टूबर को सुबह 7:50 बजे तक रहेगी। यह तिथि दोनों दिन के सूर्योदय को स्पर्श करेगी, इसलिए दोनों दिन तृतीया तिथि का पूजन होगा। पंचांग के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्टूबर की सुबह 12:19 बजे से होगा और इसका समापन अगले दिन 4 अक्टूबर की सुबह 2:58 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि गुरुवार 3 अक्टूबर 2024 से आरंभ होंगी और इस पर्व का समापन शनिवार 12 अक्टूबर 2024 को होगा।
कब से कब तक रहेगी शारदीय नवरात्रि 2024 (Navratri calendar)
अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का आरंभः गुरुवार, 3 अक्टूबर सुबह 12:19 बजे से (2 अक्टूबर की रात से)
अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का समापनः शुक्रवार 4 अक्टूबर सुबह 2:58 बजे (3 अक्टूबर की देर रात)
उदया तिथि में शारदीय नवरात्रि आरंभः गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 से
शरद नवरात्रि पर्व का समापनः शनिवार, 12 अक्टूबर 2024 को