पूर्वी सिंहभूम के जिला मुख्यालय जमशेदपुर के बिष्टुपुर बेली बोधन घाट पर पिछले वर्ष विसर्जन के दौरान हुए हादसे के बाद जिला प्रशासन सख्ती और सावधानी बरत रही है. इस वर्ष बेली बोधन घाट पर विसर्जन वाहनों को नदी तट तक जाने की इजाजत नहीं है. घाट पर ढलान शुरू होते ही वाहनों को रोक दिया जायेगा.
सुवर्णरेखा नदी घाट पर मां की प्रतिमा का करना होगा विसर्जन
पूजा कमेटी के सदस्य वहां से मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जन के लिए कंधे पर उठाकर नदी तट तक लेकर जायेंगे. इसके अलावा जिन पूजा कमेटियों को कंधे पर प्रतिमा लेकर जाने में दिक्कत होगी, वह सुवर्णरेखा नदी घाट पर मां की प्रतिमा का विसर्जन कर सकते हैं. इसके लिए उस पूजा कमेटी को अपने थाना प्रभारी को एक आवेदन देना अनिवार्य होगा.
एक साल पहले प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुआ था बड़ा हादसा
उक्त बातें पूर्वी सिंहभूम के सिटी एसपी ऋषभ गर्ग ने गुरुवार को जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाना परिसर में बेली बोधन घाट पर विसर्जन करने वाली दुर्गा पूजा कमेटी के साथ की बैठक के दौरान कही. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष विसर्जन के दौरान दुर्घटना हुई थी. इसमें 2 व्यक्ति की मौत हो गयी थी. घाट पर काफी ढलान होने के कारण इस घाट पर वाहनों को नीचे लेकर जाना खतरनाक है.
प्रशासन के फैसले पर पूजा कमेटियों ने जताई आपत्ति
प्रशासन के इस निर्णय पर कुछ पूजा कमेटियों ने आपत्ति जतायी है. उनका कहना है कि पिछले साल पहली बार दुर्घटना हुई. इससे पहले इसी घाट पर हर साल विसर्जन होता रहा है. प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिए.
एसडीओ बोलीं- सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया निर्णय
धालभूम एसडीओ शताब्दी मजुमदार ने कहा कि जिला प्रशासन ने सिर्फ सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वाहनों को ऊपर ही रोकने का निर्णय लिया है, ताकि विसर्जन के दौरान किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घटे. उन्होंने बताया कि विसर्जन तक घाट पर फोर्स की तैनाती रहेगी
पूजा कमेटियों ने दिये सुझाव
पूजा कमेटियों के सदस्यों ने इस निर्णय पर नाराजगी जतायी. आदित्यपुर पूजा कमेटी के सदस्य जगदीश नारायण चौबे ने कहा कि बेली बोधन घाट पर सिर्फ पिछली बार दुर्घटना हुई. वर्षों से उस नदी घाट पर विसर्जन होता रहा है. इसे बंद कर देना उचित नहीं है.
आदित्यपुर पूजा कमेटी को सुवर्णरेखा नदी घाट पर विसर्जन करना पड़े तो 7-8 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना होगा. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के पास काफी समय है. 10 दिन में घाट को ठीक भी किया जा सकता है.
जुगसलाई कमेटी के सदस्य ने बताया कि ढलान पर मां की प्रतिमा को कंधे पर लेकर जाना दुर्घटना को न्योता देने के समान है. ऐसे में हर कमेटी के लोग जख्मी होंगे. अगर जिला प्रशासन हाइड्रा और क्रेन से प्रतिमा का विसर्जन करे, तो गाड़ी को ऊपर ही रोका जा सकता है.